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नसीब में जो तेरे है वो कोई छीन न पाएगा यूँ ही मत भाग किसी के पीछे वो तेरे कभी करीब न आएगा। हर अक्स के पीछे छिपा एक कोई राज़ है यूँ ही न थे तनहा हम ये तन्हाई भी कोई राज़ है। ही वो दिन न होते डर यूँ किताब सुकून न छीन बस यूँ ही ..

Hindi वो कोई छीन न पाएगा यूँ ही मत भाग किसी के पीछे Poems